16 साल की जैन लड़की का कमाल; लगातार 110 दिन रखा व्रत, कुछ भी नहीं खाया, इतना गिर गया वजन, मगर नहीं हुई कोई परेशानी
16 Years Jain Girl Fast For 110 Days Not Eat Anything
Jain Girl Fast For 110 Days: 16 साल की एक जैन लड़की ने ऐसा कमाल किया है कि हर कोई दंग है। उसने यह साबित कर दिया है कि अगर इंसान के अंदर मजबूत इच्छा-शक्ति तो वह अपने द्रढ़ संकल्प के साथ असंभव को भी संभव कर सकता है। दरअसल, 16 साल की यह जैन लड़की मूल रूप से गुजरात की रहने वाली है और इस समय अपने परिवार के साथ मुंबई के कांदिवली में रह रही है। लड़की का नाम है कृशा शाह।
बताया जाता है कि, कृशा ने लगातार 110 दिन व्रत रखा। उसने लगभग तीन महीने से भी ज्यादा समय तक कुछ भी नहीं खाया। जैन धर्म के बड़े-बड़े साधू-संत भी कृशा के इस त्याग से चौंक रहे हैं। उनका कहना है कि, जैन धर्म के कुछ साधु तो इतने लंबे समय तक व्रत रहे हैं लेकिन 16 साल की एक लड़की और वो भी आज के जमाने की, इतना लंबा व्रत कर गई। ऐसा होना बेहद अद्भुत है।
मिली जानकारी के अनुसार, परिवार का कहना है कि उनकी बेटी कृशा ने 11 जुलाई से व्रत की शुरुआत की थी। जबकि कृशा ने शनिवार (28 अक्टूबर) को अपना व्रत सम्पन्न किया। वहीं बेटी ने जब व्रत तोड़ा तो परिवार ने इस मौके पर उत्सव भी मनाया। रिपोर्ट के मुताबिक, परिवार ने बताया कि इन 110 दिनों में उनकी बेटी के स्वास्थ्य में कोई भी परेशानी नहीं हुई। वो रोज सुबह 9 बजे से शाम के साढ़े छह बजे के बीच तक केवल गर्म पानी पीती थी। पानी के अलावा कृशा ने इतने लंबे समय तक किसी चीज का सेवन नहीं किया। व्रत के दिनों में वो जैन धर्म से जुड़ी किताबें पढ़ती थी और प्रार्थना भी किया करती थी।
इतना गिर गया वजन
परिवार का कहना है कि, जब कृशा ने 11 जुलाई से व्रत की शुरुआत की थी और जब वह धीरे-धीरे व्रत के दिनों को बढ़ाने लगी तो थोड़ी सी चिंता हुई। परिवार ने बताया कि, 11वीं में पढ़ने वाली कृशा व्रत के शुरुआती चालीस दिनों तक स्कूल भी जाती रही। वहीं परिवार का यह भी कहना है कि, व्रत के कुछ दिनों बाद कृशा को भूख लगनी ही बंद हो गई थी। इन 110 दिन तक कुछ न खाने की वजह से कृशा का वजन 18 किलोग्राम तक गिर गया।
अनुभव के बिना 110 दिन का व्रत असामान्य क्रिया
कृशा के 110 दिन के व्रत को जानकर जैन धर्म के एक मुनि श्री ने कहा कि लड़की ने लगातार 110 दिन का व्रत रखा और सबसे बड़ी बात यह है कि बिना अनुभव के इतना लंबा व्रत रखा गया। यह वाकई असामान्य क्रिया है। क्योंकि शायद ही ऐसा ही कोई इंसान पहले रहा हो जिसने लंबे समय का व्रत रखने के अनुभव के बिना 110 दिन व्रत रखा हो। मुनि श्री ने कहा कि, कृशा का व्रत यह दर्शाता है कि अगर आत्म-नियंत्रण और अनुशासन है तो मानव बुद्धि असंभव लगने वाली उपलब्धि भी हासिल कर सकती है।